देख कर हमें वो प्यार से थे मुस्कुराए,
ये वहम था हमारा या उनकी अदाएँ!!
खुशबु से महकी थी रंगीन बगिया,
फूल ही थे यें या थी भवरों की सदाएँ!!
आह! ये कैसी हुई आहट!
वो आ गए है या ये उनके आने की है चाहत!!
आया है सीली सी हवा का झोंका,
बरसा है कहीं बादल या है ये आंसू भरी दुआएँ!!
Image courtesy - Image is a result of googling.
19 comments:
bahut sundar kavita......
the moments of wait expressed nicely.
@Ana & Maneesha - Thankyou ana and a lot of thanks to you too ma'am.
सुन्दर रचना, बधाई.
कुछ तो है इस कविता में, जो मन को छू गयी।
बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ
वाह! क्या बात है, बहुत सुन्दर !
www.mathurnilesh.blogspot.com
अच्छा लिखा है आपने!
कमाल है... कुछ ऐसा ही मेरे ब्लॉग पर भी!
दूर किसी के पास,
मेरे माज़ी की परछाई है!
छू के देखो ज़रा,
फिर से सीली सी हवा आयी है!
Good post.
@sanjay bhaskar, nilesh mathur & virendra singh chauhan - thanks a lot to all of you for the appreciation.
@Aashish - thanku very much.. and read your blog and the same lines you talked about.. You are a good writer.
All of you plz Keep visiting.
Express yourself very nice and great blog!
We will read with pleasure!
Hello everyone!
behad khoobsurat
हम अपने ब्लॉग के लिए एक यात्रा पर गया है! नमस्ते और मुझे उम्मीद!
आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! तस्वीर बहुत अच्छी लगी! उम्दा प्रस्तुती!
bahut hi khubsurat rachna.....
umdaah prastuti...
mere blog par is baar..
पगली है बदली....
http://i555.blogspot.com/
रक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
Thanks a lot Iosif, Anil Kant, Babli and Shekhar Suman.
aap sabhi ko bhi raksha bandhan ki dheron shubhkaamnaaye.
bahut hi pyare bhav....
Wow.. emotions expressed beautifully
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