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Sunday, August 1, 2010

इंतज़ार की घड़ियाँ


देख कर हमें वो प्यार से थे मुस्कुराए,
ये वहम था हमारा या उनकी अदाएँ!!

खुशबु से महकी थी रंगीन बगिया,
फूल ही थे यें या थी भवरों की सदाएँ!!

आह! ये कैसी हुई आहट!
वो आ गए है या ये उनके आने की है चाहत!!

आया है सीली सी हवा का झोंका,
बरसा है कहीं बादल या है ये आंसू भरी दुआएँ!!

Image courtesy - Image is a result of googling.