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Monday, October 25, 2010

सपनें..!! - 2


आज मेरी आँखों में नींद है पर मन में नहीं,
कुछ ऐसे ख़्यालों को बुन लिया है मैंने जिन्हें
कागज़ पर उतारने का मज़ा आ रहा है;
इसी आनंद की अनुभूति रोक लेती है
बिस्तर पर गिर जाने और आँखे मूँद लेने से,
प्यारी नींद लेने से और सपनें देखने से,
क्योंकि..
जागती आँखों के सपनें, सोई आँखों के सपनों से
अधिक प्यारे, ख़ूबसूरत और यादगार होते है;
बढ़ाते है उम्मीद और ख़ुशी,
और बनते है जीने का सहारा !! :-)

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सपने..!! - 1


काली अँधेरी रातों को भी काली करता है कोई,
सारी रात जागकर कविता करता है कोई,
किताबे पढता है, कहानियां गढ़ता है,
और इन सब से ख़ास..
कुछ सपने बुनता है,
संजोता है, सहेजता है,
और बनता है योजनाएँ!
फिर प्यार हो जाता है सपनों की कहानियों से,
और एक दिन निश्चय कर लेता है..
ठीक है,
आज नहीं तो कल सही,
सारी ज़िन्दगी है अभी,
जिंदा रहूँगा जब तक,
याद रखूँगा सपना तब तक,
पूरा करूँगा एक दिन ज़रूर..
पूरा नहीं तो अधुरा सही,
आज नहीं तो कल सही!!