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Monday, October 25, 2010

सपने..!! - 1


काली अँधेरी रातों को भी काली करता है कोई,
सारी रात जागकर कविता करता है कोई,
किताबे पढता है, कहानियां गढ़ता है,
और इन सब से ख़ास..
कुछ सपने बुनता है,
संजोता है, सहेजता है,
और बनता है योजनाएँ!
फिर प्यार हो जाता है सपनों की कहानियों से,
और एक दिन निश्चय कर लेता है..
ठीक है,
आज नहीं तो कल सही,
सारी ज़िन्दगी है अभी,
जिंदा रहूँगा जब तक,
याद रखूँगा सपना तब तक,
पूरा करूँगा एक दिन ज़रूर..
पूरा नहीं तो अधुरा सही,
आज नहीं तो कल सही!!

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