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Wednesday, April 21, 2010

ओ तेज ठंडी हवा

ओ तेज ठंडी हवा
खनखनाती है मेरी विंड चाईम
सुहाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ

ओ तेज ठंडी हवा
लाती है बूंदों भरे बादल
भिगाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ

ओ तेज ठंडी हवा
आती है धूल से भर कर
सताती है मुझे
रुक, थोड़ा ठहर जा

ओ तेज ठंडी हवा
गुनगुनाता है दूर कोई प्यार के गीत
सुनाती है मुझे
आ थोड़ा फिर पास आ
थोड़ा.. और पास आ


8 comments:

Dr. Deepak Kumar said...

wow
nice yaar achcha likh leti ho...
kuch aur bhi likha ho to share it on blog

लाल बुझक्कड़ said...

That's the thing, why I always say,"Yes! U CAN DO". Good work, keep it up....

Nisha said...

@ ek gramin
Thanks...

Unknown said...

hi nisha ,

its really nice work u done .
go long & high ...........

sunil

Nisha said...

thanks for the wishes sunil.

संजय भास्‍कर said...

ओ तेज ठंडी हवा
लाती है बूंदों भरे बादल
भिगाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ


इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....

संजय भास्‍कर said...

ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.

patra's patterings said...

Wonderful....