ओ तेज ठंडी हवा
खनखनाती है मेरी विंड चाईम
सुहाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ
ओ तेज ठंडी हवा
लाती है बूंदों भरे बादल
भिगाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ
ओ तेज ठंडी हवा
आती है धूल से भर कर
सताती है मुझे
रुक, थोड़ा ठहर जा
ओ तेज ठंडी हवा
गुनगुनाता है दूर कोई प्यार के गीत
सुनाती है मुझे
आ थोड़ा फिर पास आ
थोड़ा.. और पास आ
8 comments:
wow
nice yaar achcha likh leti ho...
kuch aur bhi likha ho to share it on blog
That's the thing, why I always say,"Yes! U CAN DO". Good work, keep it up....
@ ek gramin
Thanks...
hi nisha ,
its really nice work u done .
go long & high ...........
sunil
thanks for the wishes sunil.
ओ तेज ठंडी हवा
लाती है बूंदों भरे बादल
भिगाती है मुझे
आ थोड़ा और पास आ
इन पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
Wonderful....
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